VIRGO UAP PHARMA

वर्गोलीव टैबलेट VIRGOLIV TABLET

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वर्गोलीव टैबलेट यकृतरक्षक, यकृत-उत्तेजक, भूख बढ़ानेवाले, पाचक एवं रक्तशोधक द्रव्यों से बना योग है। वर्गोलिव टैबलेट यकृत-प्लीहा से संबंधित सभी प्रकार के तीव्र एवं चिरकालिक व्याधियों में लाभदायक है।

वर्गोलीव टैबलेट :
• यकृत की श्लेष्मिक कला की सुरक्षा करता है, एवं यकृत कोशिकाओं का पुन:निर्माण करता है।
•यकृत की क्रियाओं को ठीक कर शरीर के महत्वपूर्ण अंगो को स्वस्थ रखता है। 
• सुक्ष्मजीव एवं उनसे उत्पन्न विषाक्ता के प्रति प्राकृतिक रक्षण प्रदान करता है।
• लंबे समय तक शराब पीने से उत्पन्न वसायुक्त अंतःसरण से यकृत को खराब होने से बचाता है
• रक्तवाहिनीयों एवं यकृतिय रक्तप्रवाह को सुचारु रुप से ठीक करता है सुस्त एवं यकृतवृद्धि को ठीक करता है।
• भूख एवं पाचनशक्ति को बढ़ाता है ।

घटक द्रव्य:-
प्रत्येक फिल्म कोटेड टैबलेट में समाविष्ट कार्यकारी द्रव्य ५०० मि. ग्रा. है ।
भूमि आमलकी सत्व ६० मि. ग्रा., रोहितक सत्व ६० मि. ग्रा.,
गुडुची ८० मि. ग्रा., भृंगराज ६० मि. ग्रा., कालमेघ ६० मि. ग्रा.,  पुनर्नवा ३० मि. ग्रा., कासनी ३० मि. ग्रा., कटुकी २० मि. ग्रा., पीपली २० मि. ग्रा., शुद्ध शिलाजीत १५ मि. ग्रा.,
लौह भस्म ३० मि. ग्रा., मंडुर भस्म २० मि. ग्रा., ताम्र भस्म १५ मि. ग्रा., कलर एरीथोसीन क्यू. एस., एक्सिपियन्ट्स क्यू. एस.
भावना : गुडुची ३० मि. ग्रा., कुमारी ३० मि. ग्रा., कासुन्द्रा ३० मि. ग्रा., चीत्रक ३० मि. ग्रा., सरपंखा ३० मि. ग्रा., काकमाची ३० मि. ग्रा.।

व्याधिनिर्देश :
कामला
यकृत 
प्लीहावृद्धि 
संक्रमित यकृतशोथ
मंदाग्नि एवं अपचन
अजीर्ण
कृमि

मात्रा : 1टैबलेट दिन में तीन बार या चिकित्सक के परामर्शानुसार ।


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