GAVYADHARA

PanchGavya NASAL DROP पंचगव्य नसिका

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पंचगव्य के गुणधर्म एवं उपयोग:-
● साइनस, बार-बार छींके आना, आधासीसी, सिरदर्द, डस्ट एलर्जी तथा माईग्रेन में बहुत उपयोगी है।

● मूर्छा को दूर करता है खर्राटों को बंद करता है।

● बार-बार नकसीर आना ठीक करता है। 

●सर में जमी हुई खून की गांठ ठीक करता है।

● लकवा व अधरंग में उपयोगी है व लगातार प्रयोग करने से लकवा व अधरंग होने से बचाता है।

● दिमागी कमजोरी को दूर कर याददाश्त तेज करता है और कंधे से ऊपर की सभी बीमारियों में बहुत उपयोगी है।

● बच्चों की स्मृति बढ़ाने के लिए व चंचलता दूर करने के लिये उपयोगी है।

● मिर्गी के दौरों में लाभदायक है

● जिनको नजला है व बार-बार जुकाम होता है वे इसका जरूर प्रयोग करें।

● जिन्हें नींद नहीं आती उनको जरूर उपयोग करना चाहिए।

● डिप्रेशन के रोगी अवश्य प्रयोग करें।

●सर की पुरानी चोट में बहुत लाभदायक है।

● जो व्यक्ति योग प्राणायाम करता है, इस के प्रयोग से उसे बहुत लाभ होगा क्योंकि यह शरीर में प्राणवायु का प्रवाह बढ़ा देता है। यह मस्तिष्क की सभी नाड़ियों को पोषण देता है।

सावधानी व प्रयोग विधि:-
◆ उपयोग के समय घी का तापमान शरीर के तापमान की तुलना में थोड़ा अधिक होना चाहिए। गर्म पानी में घी की बोतल रखकर भी गर्म करें। इस घी को कभी भी सीधे आग पर रखकर गर्म न करें। प्रत्येक नथुने में 1 से 2 बूंदे डालें। रात्रि में सोने से पहले डालना अति उत्तम है। शुरू के 15-20 मिनट तक तकिये का इस्तेमाल न करें और पानी न पींए अगर पानी पीना पड़े तो गर्म पानी लें।

◆ बूंदे डालने के पश्चात नाक को बाहर से हल्की मालिश करें ताकि घी नथुनों की भीतरी दीवारों पर लग जाये। घी को विक्स वेपोरेब की तरह अन्दर खींचने का प्रयास नहीं करें, घी स्वतः ही वाष्पीकृत होकर जायेगा साधारण तरीके से श्वास लें।  

◆अधिकतम 5-6 बूंदे (वयस्क लोग) डालें। इससे अधिक कदापि नहीं।


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